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Sukhanzar Foundation

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Rahat Indori biography in hindi

Rahat Indori biography in hindi

Author: Sartaz Razvi | Date: July 19, 2025 | Time: 02:07 PM

राहत इंदौरी: विस्तृत जीवनी

डॉ. राहत इंदौरी (वास्तविक नाम: राहत कुरैशी) एक भारतीय उर्दू कवि, चित्रकार, गीतकार, और बॉलीवुड के जाने-माने शायर थे। उनका जन्म 1 जनवरी 1950 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनकी क्रांतिकारी और बेबाक शायरी ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर के उर्दू प्रेमियों के बीच एक विशेष स्थान दिलाया।

 

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

 

राहत इंदौरी का बचपन संघर्षों से भरा था। उनके पिता, रफ़तुल्लाह कुरैशी, एक कपड़ा मिल में काम करते थे। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, इसलिए उन्हें बचपन में ही काम करना पड़ा। 10 साल की उम्र में उन्होंने साइनबोर्ड पेंटिंग का काम शुरू किया। दिन में वे स्कूल जाते थे और रात में पेंटिंग करके परिवार की मदद करते थे।

उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल, इंदौर से पूरी की। इसके बाद, उन्होंने इस्लामिया करीमिया कॉलेज, इंदौर से 1973 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1975 में, उन्होंने बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एम.ए. किया। 1985 में, उन्होंने मध्य प्रदेश के भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि हासिल की। उनकी पीएचडी का विषय "उर्दू में मुशायरे" (Mushairas in Urdu) था।

 

शायरी का सफर

 

राहत इंदौरी ने अपनी शायरी में आम आदमी के दर्द, समाज की विसंगतियों और राजनीतिक कटाक्ष को दर्शाया। उनकी शायरी में क्रांति और विद्रोह की भावना स्पष्ट रूप से झलकती थी। वे अपनी ग़ज़लों और नज़्मों में सीधे-साधे शब्दों का इस्तेमाल करते थे, जो लोगों के दिलों को छू जाते थे। उनका अंदाज़-ए-बयां इतना प्रभावशाली था कि वे मुशायरों में दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते थे।

उनके कुछ सबसे प्रसिद्ध शेर और ग़ज़लें, जो आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं, वे इस प्रकार हैं:

  • "अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो, जान थोड़ी है, ये सब धुआँ है, कोई आसमान थोड़ी है।"

  • "आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो, ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो।"

  • "बुलाती है मगर जाने का नहीं, ये दुनिया है इधर जाने का नहीं।"

उन्होंने कई मशहूर किताबें भी लिखीं, जिनमें "धूप बहुत है", "मेरे बाद", "चाँद पागल है", "रुत", और "नाराज़" शामिल हैं। उनकी कविताओं का कई भाषाओं में अनुवाद भी हुआ।

 

बॉलीवुड में योगदान

 

राहत इंदौरी सिर्फ एक शायर ही नहीं, बल्कि एक सफल गीतकार भी थे। उन्होंने 1990 के दशक में हिंदी फिल्मों के लिए कई यादगार गाने लिखे। उनके कुछ सबसे मशहूर गाने हैं:

  • "तुम्हें कोई पसंद नहीं है" (फ़िल्म: ख़ुद्दार)

  • "चोरी चोरी जब नज़रें मिली" (फ़िल्म: करिश्मा)

  • "ये रिश्ता क्या कहलाता है" (फ़िल्म: क्या कूल हैं हम)

  • "लगे रहो मुन्ना भाई" (फ़िल्म: लगे रहो मुन्ना भाई)

उनके गीतों में भी उनकी शायरी की तरह ही सादगी और गहरा संदेश होता था। वे अपने गीतों में भी ज़िंदगी की सच्चाइयों को बयां करते थे।

 

निधन

 

राहत इंदौरी का निधन 11 अगस्त 2020 को दिल का दौरा पड़ने से हो गया। वे COVID-19 से भी संक्रमित थे। उनका जाना भारतीय साहित्य और कला के लिए एक अपूरणीय क्षति थी। उनकी कविताएँ और विचार आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। उन्हें उनकी बेबाक आवाज़ और क्रांतिकारी शब्दों के लिए हमेशा याद किया जाएगा।

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